भारतीय संस्कृति और सम्मान के रक्षक (योगी) ही बन गए हैं अब भक्षक- प्रधानमंत्री जी,काशी मांगे न्याय!
भारतीय संस्कृति और सम्मान की रक्षा का दम्भ भरनेवाले और उनके नाम पर सालों से गोरखपुर में अपनी राजनीती चमकानेवाले और उसी की बदौलत कई चुनाव जीतनेवाले योगी ही अब निकले काशी-महामना-भगवान धन्वंतरि और भारतीय संस्कृति के भक्षक।
भगवान धन्वंतरि के जन्मस्थली काशी से ले जाने पर तुले हैं वो भगवान धन्वंतरि के मंदिर को गोरखपुर, तो फिर क्यों नहीं बनवालेते भगवन राम के मंदिर को भी गोरखपुर में ही?
क्या उनकी भावना स्वार्थ निहित है?????
अगर नहीं तो फिर भगवन विष्णु के ही दो अवतारों के भगवानों के बीच के आस्था में फर्क क्यों???
एक का मंदिर उनके जन्मस्थली अयोध्या से एक इंच अलग नहीं बनवाना चाहते, चाहे कितनी भी जानें उसके लिए क्यों न चली जाये, चाहे कितने ही मंदिर पुरे दुनियां में उसके लिए क्यों न टूट जाये?
और दूसरे अवतार भगवन धन्वंतरि के मंदिर "एम्स काशी" को काशी के बदले गोरखपुर में बनवाने पर उनकी आस्था को कोई ठेश नहीं पहुँचती और ना ही भारतीय संस्कृति और सम्मान को उनके अनुसार ठेश ही पहुँचता है ऐसा क्यों?
तो क्या वे सच्चे योगी हैं????
भगवन धन्वंतरि का अब और अपमान,
नहीं सहेगा हिंदुस्तान!
काशी मांगे एम्स!
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