Tuesday, September 15, 2015

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क्या काशी में एम्स के स्थापना की माँग BJP /संघ या हिन्दू विरोधी गतिविधि है?


क्या काशी में एम्स के स्थापना की माँग BJP /संघ या हिन्दू विरोधी गतिविधि है?????
बिलकुल भी नहीं।
क्या एम्स काशी में नहीं गोरखपुर में होना चाहिए???
मित्रो! किसी भी समाज या राष्ट्र का निर्माण वहां पर रहने वाले मानव समूहों से होता है। इन मानव समूहों की अलग अलग सोच /विचारधारा होती है जिनके हिसाब से हमलोग हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख और ईसाई में जन्म के हिसाब से बट जाते हैं।
किसी भी पार्टी या संगठन की उत्पत्ति समाज में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है न कि पार्टी या संगठन समाज में रहनेवाले मनुष्य कि उत्पत्ति करता है। अलग अलग पार्टी/संघ का निर्माण हमलोग अपने आपको या अपनी सोच/विचारधारा को सर्वश्रेष् साबित करने के लिए किया करते हैं।
परंतु ये कटुसत्य है की चाहे हम किसी भी पार्टी के समर्थक या विचारधारा के मानने वाले हों हम सब मानव हैं और कभी न कभी बीमार भी अवश्य ही परते हैं।
जब हम बीमार परते हैं तो किसी न किसी अस्पताल में हमें इलाज करवाने को जाना ही परता है।
अस्पताल ही इस दुनियां में एक ऐसी जगह है जहाँ पर एक ही छत के निचे अल्लाह ,ईश्वर ,भगवान और गॉड सभी रहने को मजबूर हैं वरना हमने तो उनको भी अलग अलग मकान का स्वरुप देकर बाँटने में कभी कोई कोताही नहीं की है जैसा की हमने अपने आपको हज़ारों जातियों में विखंडित करने में।
मानवता के इस मंदिर ,मस्जिद और गिरजाघर यानि "एम्स" के निर्माण में , जहाँ सभी को बराबर मानते हुए(चाहे वो किसी भी जाती धर्म समुदाय संघ और पार्टी के हों) बिना किसी द्वेष और भेदभाव के चिकत्सकगण मानवधर्म का पालन करके सबकी जान बचाने की भरपुर कोशिश करते हैं, सबको एक साथ मिलकर अहम् भूमिका निभानी चाहिए।
जब मैं पहली बार 15 दिन के आंदोलन और आमरण अनसन पर था तो BJP के सांसद, विधायक ,संघ और अन्य हिन्दू संगठनो के अलावा सभी पार्टियों और धर्मो के लोगों द्वारा इस मुद्दे का समर्थन किया गया था और मैंने अपना आमरण अनशन भी श्री श्री रविशंकर जी हाथों जूस पीकर किया गया था जो संघ, BJP और PM महोदय के अति करीबी माने जाते हैं। उन्होने खुद अपने स्तर से अपनी पूर्ण सहभागिता का भी भरोषा दिलाया था।
यही नहीं BJP ने एम्स को अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में डालते हुए पिछले दो बजटों में 8 नए एम्स के निर्माण की स्वीकृति भी दी है।
अगर इस देश के अन्य हिस्से में बननेवाला एम्स संघ /BJP विरोधी नहीं है तो फिर काशी में बननेवाला एम्स कैसे संघ/हिन्दू विरोधी हो सकता??
उस समय सरकार में आने के बाद श्री जेठली जी और श्री अमित शाह जी के द्वारा खुद काशी में एम्स के निर्माण का न सिर्फ आश्वासन दिया गया था बल्कि पहले ही बजट में पूर्वांचल में एक एम्स की घोषणा भी की गयी थी।
जिसको अब कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा काशी से गोरखपुर ले जाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है वो भी बेहद ही थोथी दलील के आधार पर जो सर्वथा व्यर्थ की दलील है क्योंकि एम्स किसी संक्रमित बीमारी के निराकरण करने का अस्पताल नहीं होता है और न ही संक्रमण की बीमारी को ज्यादा अस्पताल खोलकर करना संभव है। इसका प्रमाण ये है की दिल्ली में एम्स सहित हज़ारों अस्पताल होने के बावजूद भी आजकल हज़ारों लोग डेंगू से मर रहे हैं। यक लीले रोकथाम और टीकाकरण ही एक मात्र कारगर उपाय संभव है।
यही नहीं नहीं गोरखपुर एक कोने में बसा शहर है और वहां एम्स बन्ने की स्थिति में इसका फायदा कुछ सिमित क्षेत्र को ही हो पायेगा जिससे हमारे सिमित संसाधनों का सिर्फ और सिर्फ दुरूपयोग होगा और काशी और आसपास की जनता पहले ही की तरह दिल्ली और अन्य शहरों में जाकर भटकती रहेगी जोकि प्रधानमंत्री महोदय के लिए भी अपमान का विषय होगा।
जहाँ तक गोरखपुर के आस पास में फैले JE के इलाज और रोकथाम का सवाल है इसके लिए आवश्यक टीकाकरण तथा JE के लिए 500 बेड का अलग से एक अस्पताल और रिसर्च सेंटर वहां स्थापित करने की जरुरत है न की एम्स की।
हम तो सिर्फ इतना चाहते हैं कि जिस चीज की जहाँ जरुरत हो वहां बने ,जिससे की पीड़ित जनता को उसका सही से लाभ भी मिल सके और सिमित सरकारी संसाधनों के दुरूपयोग को भी रोक जा सके!
काशी मांगे एम्स!
एम्स से कम कुछ भी मंजूर नहीं!
कृपया इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये प्रधानमंत्री महोदय तक पहुँच जाये!

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