Sunday, June 5, 2016

.तो क्या हमने अपना जन-प्रतिनिधि चुनने में कोई गलती की थी?

🌹काशी मांगे एम्स!🌹

👉....तो �क्या हमने अपना जन-प्रतिनिधि चुनने में कोई गलती की थी?

🌹इस लोकसभा में काशी से प्रतिनिधित्व करनेवाले सांसद महोदय खुद प्रधानमंत्री हैं। गृहमंत्री महोदय का गृहजनपद काशी के ठीक बगल का जनपद चंदौली है। देश के रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भी बगल के जनपद ग़ाज़ीपुर से ही प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र भी बगल के जनपद देवरिया से पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

🌹काशी से शिक्षा ग्रहण करनेवाले कई दिग्गज राजनेता भी इस बार के संसद में अगल-बगल के जिलों से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं,जिनमे बिरेन्द्र सिंह मस्त,गायक मनोज तिवारी,भारत सिंह,महेंद्र नाथ पाण्डेय,राम चरित्र निषाद,कृष्ण प्रताप,तथा अनुप्रिया पटेल इत्यादि प्रमुख हैं।

🌹बड़े दुःख की बात है की देश के इतने सारे धुरंधर काशी तथा आस-पास के जनपदों से प्रतिनिधत्व कर रहे हैं,और भारतीय संस्कृति,काशी और मानवता के सम्मान का प्रतिक भगवन धन्वंतरि के प्रस्तावित मंदिर "एम्स काशी", इनके जन्मस्थली काशी से छीनकर एक सांसद योगीजी गोरखपुर ले जा रहे हैं (जबकि PMSSY फण्ड से बी आर डी मेडिकल कॉलेज को उच्चीकृत करने के लिए 2015 में 150 करोड़ की धनराशि दे दी जा चुकी है और बगल में ही आज़मगढ़ में  एक पी जी आई भी अब काम करने लगा है) और सभी धुरंधर मूकदर्शक बने देख रहे हैं।

🌹क्या काशी-गंगा मैय्या-संस्कृति के नाम पर संसद में पहुचे इतने सरे दिग्गज मिलकर भी हमारे संस्कृति के प्रतिक भगवन विष्णु के अवतार, भगवन धन्वंतरि के जन्मस्थली काशी के साथ होने वाले अन्याय को रोकने में अक्षम है?

🌹काशी में एम्स आंदोलन के बाद पूर्वांचल में घोषित भगवान धन्वंतरि-देवदास-सुश्रुत के मंदिर एम्स का शिलान्यास ये साबित करेगा कि काशी तथा आस-पास की गरीब जनता ने संस्कृति,सम्मान और अपने अधिकार की रक्षा के लिए जिन महारथियों को चुना था वो निर्णय सही था या फिर गलत??

👉काशी की जनता करे पुकार,
कोई तो हमारी भी सुध ले लो सरकार!

एम्स/अस्पताल किसी जाति,धर्म,वर्ण या समुदय विशेष के लिए नहीं खुलता......

एम्स/अस्पताल किसी जाति,धर्म,वर्ण या समुदय विशेष के लिए नहीं खुलता......

ये तो सिर्फ और सिर्फ मानवता की रक्षा के लिए खोला जाता है तथा गरीबों को और गरीब बनने से रोकने के लिए खोला जाता है।

इस दुनियां में आजतक कोई ऐसा मनुष्य पैदा नहीं लिया, जिन्होने अपने मानव शारीर का परित्याग न किया हो, अर्थात सबों को जन्म के बाद मृत्यु को धारण करना पड़ा है और आगे भी यही करना पड़ेगा.....

चाहे वो किसी भी धर्म,जाति, वर्ण,वर्ग और समुदाय विशेष का क्यों न हो।

यहाँ तककि मानव शरीर को धारण करनेवाले सभी भगवान, मोहमद साहब,गुरुनानक साहब,भगवान महावीर,भगवान बुद्ध तथा ईशा मसीह, सबों को अपने शारीर का त्यागना पड़ा था।

अस्पताल ही पूरी दुनिया में सच्चे मायने में मानवता का ऐसा मंदिर है जहाँ एक ही छत के निचे अल्लाह,ईश्वर,गॉड और वाहेगुरु सभी विराजते हैं,वरना हमने तो उपरवालों को भी बाँटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

हम सभी मानते हैं कि उपरवाला एक है जिन्होने पुरे दुनियां को बनाया,और उस ऊपर वाले को हम अलग-अलग भाषा में कोई अल्लाह,तो कोई ईश्वर, तो कोई वाहेगुरु, तो कोई गॉड कहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे की पानी को कोई जल,तो कोई नीर,तो कोई वाटर कहते है जो की सिर्फ भाषाई भेद है इससे पानी की वास्तविक संरचना H2O नहीं बदल जाता ठीक वैसे ही अल्लाह,ईश्वर,गॉड और वाहेगुरु एक भाषाई भेद है।

भगवान धन्वंतरि अर्थात इस दुनियां के पहले चिकत्सक (जिनकी आज भी कोई जाती और धर्म नहीं होती) का जब इस पृथ्वी पर पदार्पण हुआ था तो इस दुनियां में ना तो कोई जाति थी और न ही मानवता के अलावा कोई धर्म,हम सब भारतीय थे और आज हम सभी भारतियों को उनके सम्मान में और अपनी जीवन की रक्षा तथा अपने आपको गरीबी से बचाने हेतु जाति-धर्म के बंधन से ऊपर उठकर उनके जन्मस्थली काशी में उनके मंदिर अर्थात एम्स काशी के निर्माण के लिए संघर्ष करनी चाहिए।

काशी और भारतीय संस्कृति का सभी जनप्रतिनिधि करें सम्मान,
जल्द-से जल्द शुरू कराएं एम्स काशी का निर्माण!

काशी मांगे एम्स!

क्यों जरुरी है काशी में AIIMS

🌹काशी मांगे न्याय, प्रधानमंत्री जी आपसे🌹

काशी में एम्स के स्थापना की मुहीम, किसी पार्टी,धर्म या जाति के विरोध या समर्थन की मुहीम नहीं, बल्कि मानवता-भारतीय संस्कृति-सम्मान की रक्षा तथा भगवान धन्वंतरि के अपमान को रोकने की मुहीम है....

👉 क्योंकि हममे से कोई अमर नहीं है और ये मुद्दा हर काशी वाशियों के बेहतर जीवन और उत्थान से जुड़ा है,हमारे संस्कृति से जुड़ा है।

👉 अगर गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज रहते हुए  वहां एम्स खुल सकता है तो फिर भगवन धन्वंतरि के जन्म स्थली पर क्यों नहीं?

👉 अगर भगवान राम जी के ही जन्म स्थली पर भगवन राम जी का मंदिर बनना चाहिए तो फिर भगवन विष्णु जी के ही दूसरे अवतार भगवान धन्वंतरि जी के जन्म स्थली काशी को छोड़कर एम्स कही और कैसे बनना चाहिए?

👉 एम्स किसी पार्टी,जाति, धर्म और व्यक्ति के विरोध और समर्थन के लिए नहीं बनाया जाता। ये तो सिर्फ और सिर्फ मानवता की रक्षा लिए और गरीबों को और गरीब बनने से रोकने के लिए खोला जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा हो.....

👉 न की किसी के राजनीती चमकाने के लिए और हमारे देश के सिमित संसाधनों के दुरूपयोग के लिए?

👉 अगर राजनीती की भी बात है तो सवाल उठता है की इस देश में प्रधानमंत्री ज्यादा सक्षम हैं या फिर योगी जी जैसे सांसद, जो गलत तथ्यों के बिना पर काशी-भगवन धन्वंतरि -भारतीय संस्कृति के अपमान पर तुले हैं।

मोदी जी काशी से सांसद-प्रधानमंत्री होते हुए भी, पुरे दुनियां में "चिकित्सा जगत की उत्पत्ति स्थल काशी" से "भगवान धन्वंतरि के मंदिर एम्स" को योगीजी छीनकर गोरखपुर ले जाना चाह रहे हैं जिसको हमारे सांसद महोदय धृतराष्ट्र बने चुप-चाप देख रहे हैं।

👉 शायद महोदय ये भी भूल गए की गंगा मैय्या-भारतीय संस्कृति और सम्मान की रक्षा के लिए काशिवशियों ने आँख मूंदकर, उनके मुँह खोले बिना अपार बहुमत से विजयी बनाकर इस देश की राजगद्दी पर बिठाया था।
अब उनको काशीवासियों के इस अहसान चुकाने और विश्वास पर खड़े होकर दिखाने की घड़ी है!

🌹काशी मांगे प्रधानमंत्री जी आपसे न्याय!🌹

नरेंद्र मोदी को मिली ध्रितराष्ट्र की उपाधि, बनारस में।

कांग्रेस के समय से एम्स कि स्थापना की मुहीम बनारस में चल रही है, लेकिन आज तक यहां के डॉक्टरों कि यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। कांग्रेस में जब सत्ता में थी तब भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था और सत्ता में आने के बाद एम्स कि स्थापना कराने का वादा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संसदीय क्षेत्र है, उसके बावजूद बनारस के लोगों कि आवाज भाजपा सरकार सुनने को तैयार नहीं है। सर सुन्दर लाल चिकित्सालय के कार्डियोलॉजिस्ट ओम शंकर कहते हैं कि काशी में एम्स कि मांग किसी पार्टी, धर्म या जाति के विरोध या समर्थन की मुहीम नहीं, बल्कि मानवता-भारतीय संस्कृति-सम्मान की रक्षा तथा भगवान धन्वंतरि के अपमान को रोकने की मुहीम है। और ये मुद्दा हर काशी लोगों के बेहतर जीवन और उत्थान से जुड़ा है, हमारी संस्कृति से जुड़ा है। अगर गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज रहते हुए वहां एम्स खुल सकता है तो फिर भगवन धन्वंतरि के जन्मस्थली पर क्यों नहीं? अगर भगवान राम जी के ही जन्म स्थली पर भगवन राम जी का मंदिर बनना चाहिए तो फिर भगवन विष्णु जी के ही दूसरे अवतार भगवान धन्वंतरि जी के जन्म स्थली काशी को छोड़कर एम्स कही और कैसे बनना चाहिए? एम्स किसी पार्टी,जाति, धर्म और व्यक्ति के विरोध और समर्थन के लिए नहीं बनाया जाता। ये तो सिर्फ और सिर्फ मानवता की रक्षा लिए और गरीबों को और गरीब बनने से रोकने के लिए खोला जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा हो। मुसलमानों के विकास के लिए मोदी ने उठाया यह कदम, ओवैसी ने भी की मोदी की तारीफ एम्स को लेकर अगर राजनीति हो रही है तो इस देश में प्रधानमंत्री ज्यादा सक्षम हैं या फिर योगी जी जैसे सांसद, जो गलत तथ्यों के बिना पर काशी-भगवन धन्वंतरि -भारतीय संस्कृति के अपमान पर तुले हैं। मोदी जी काशी से सांसद-प्रधानमंत्री होते हुए भी पूरी दुनियां में 'चिकित्सा जगत की उत्पत्ति स्थल काशी' से 'भगवान धन्वंतरि के मंदिर एम्स' को योगीजी छीनकर गोरखपुर ले जाना चाह रहे हैं जिसको हमारे सांसद महोदय जो कि देश के प्रधानमंत्री भी हैं धृतराष्ट्र बने चुप-चाप देख रहे हैं।
नहीं शायद महोदय ये भी भूल गए की गंगा मैय्या-भारतीय संस्कृति और सम्मान की रक्षा के लिए काशिवासियों ने आंख मूंद कर उन्हें अपार बहुमत से विजयी बनाकर इस देश की राजगद्दी पर बिठाया था।

तो क्या वे सच्चे योगी हैं?

भारतीय संस्कृति और सम्मान के रक्षक (योगी) ही बन गए हैं अब भक्षक- प्रधानमंत्री जी,काशी मांगे न्याय!

भारतीय संस्कृति और सम्मान की रक्षा का दम्भ भरनेवाले और उनके नाम पर सालों से गोरखपुर में अपनी राजनीती चमकानेवाले और उसी की बदौलत कई चुनाव जीतनेवाले योगी ही अब निकले काशी-महामना-भगवान धन्वंतरि और भारतीय संस्कृति के भक्षक।

भगवान धन्वंतरि के जन्मस्थली काशी से ले जाने पर तुले हैं वो भगवान धन्वंतरि के मंदिर को गोरखपुर, तो फिर क्यों नहीं बनवालेते भगवन राम के मंदिर को भी गोरखपुर में ही?

क्या उनकी भावना स्वार्थ निहित है?????

अगर नहीं तो फिर भगवन विष्णु के ही दो अवतारों के भगवानों के बीच के आस्था में फर्क क्यों???

एक का मंदिर उनके जन्मस्थली अयोध्या से एक इंच अलग नहीं बनवाना चाहते, चाहे कितनी भी जानें उसके लिए क्यों न चली जाये, चाहे कितने ही मंदिर पुरे दुनियां में उसके लिए क्यों न टूट जाये?

और दूसरे अवतार भगवन धन्वंतरि के मंदिर "एम्स काशी" को काशी के बदले गोरखपुर में बनवाने पर उनकी आस्था को कोई ठेश नहीं पहुँचती और ना ही भारतीय संस्कृति और सम्मान को उनके अनुसार ठेश ही पहुँचता है ऐसा क्यों?

तो क्या वे सच्चे योगी हैं????

भगवन धन्वंतरि का अब और अपमान,
नहीं सहेगा हिंदुस्तान!

काशी मांगे एम्स!

 

Copyright © DR OM SHANKAR™ is a registered trademark.
Designed by Templateism. Hosted on Blogger Platform.