बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय मे AIIMS के मांग को लेकर शुरू हुआ मेरा अनशन ओर कई मोड लेने के बाद june 19 को मेरा निलंबन खत्म हुआ। लगभग 15 महीने के निलंबन और अजीब से प्रशासनिक बर्तावों के बावजूद ईश्वर पे श्रद्धा बनी रही , और आज जून 19 को मेरा निलंबन वापस लिया गया ।शायद इसे सत्य की जीत कहेंगे और निरंतर अपनी मांगो पे डटें रहने की लगन जिसका परिणाम भी मिला , और ये साबित करता है की मेरी मांग कई मायनों मे उचित थी ।
ये अलग बात हैं की मंजिल अभी दूर हैं और मेरी बनारस मे AIIMS की मांग अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन मेरा निलंबन खतम हुआ जिसने मुझे अपने रास्ते पर कायम रहने का हौसला जरूर दिया है,
मैंने पिछले पोस्ट मे कई बार लिखा है के बनारस मे AIIMS के क्या मायने हैं , आप यहाँ जाकर पढ़ सकते हैं
लेकिन जैसा की बनारस नरेंद्र मोदी जी का संसदीय क्षेत्र है ओर यहाँ के विकाश के लिए उनकी पूरी जवाब देही बनती है , जैसा की उन्होने kyoto यात्रा के दौरान बनारस के विकाश की बात कही , अगर प्रधान मंत्री जी AIIMS की मांग लेते हैं तो ये कहाँ जा सकता है के उन्होने kyoto मे जो बनारस के विकाश की बात कही थी वो अपनी उस बात को लेकर गंभीर हैं ,
ये अलग बात हैं की मंजिल अभी दूर हैं और मेरी बनारस मे AIIMS की मांग अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन मेरा निलंबन खतम हुआ जिसने मुझे अपने रास्ते पर कायम रहने का हौसला जरूर दिया है,
मैंने पिछले पोस्ट मे कई बार लिखा है के बनारस मे AIIMS के क्या मायने हैं , आप यहाँ जाकर पढ़ सकते हैं
लेकिन जैसा की बनारस नरेंद्र मोदी जी का संसदीय क्षेत्र है ओर यहाँ के विकाश के लिए उनकी पूरी जवाब देही बनती है , जैसा की उन्होने kyoto यात्रा के दौरान बनारस के विकाश की बात कही , अगर प्रधान मंत्री जी AIIMS की मांग लेते हैं तो ये कहाँ जा सकता है के उन्होने kyoto मे जो बनारस के विकाश की बात कही थी वो अपनी उस बात को लेकर गंभीर हैं ,